कोरोना वायरस का खौफ ऐसा बढ़ता जा रहा है कि आम लोग तो छोड़ दीजिए अब अस्पताल कर्मचारी भी कोरोना की जांच कराने से कतराने लगे हैं । कोराना जांच कराने के डर से अस्पताल कर्मचारी डीएम के फर्जी ऑर्डर का स्टीकर लगाकर एक अस्पताल के पांच कर्मचारी भाग गए. जिसके बाद एसपी ने कार्रवाई करते हुए पड़ोसी जिले शेखपुरा से जा पकड़ा
रिश्तेदारों ने रखने से किया इनकार
कोरोना के सभी पांच संदिग्ध अस्पताल कर्मचारियों ने एक कार पर मुंगेर के डीएम का फर्जी ऑर्डर का स्टीकर लगाकर भाग निकले और शेखपुरा के श्याम सरोबर पार्क मुहल्ला स्थित अपने किसी रिश्तेदार के घर पहुंच गये। जब उनके रिश्तेदारों को पता चला कि ये लोग उस अस्पताल में काम करते थे जहां कोरोना का मरीज भर्ती था तो रिश्तेदारों ने उनको घर में रखने से इंकार कर दिया। इसके बाद सभी लोग खलिहान में टेंट लगाकर रहने चले गये।
क्या है पूरा मामला
मामला मुंगेर के उस अस्पताल का है जहां सैफ को भर्ती कराया गया था. जिसकी मौत कोरोना की वजह से हुआ था. दरअसल, कोरोना से सैफ की मौत के बाद जिला प्रशासन ने अस्पताल को सील कर दिया था। तो ये सभी अस्पताल में रह रहे थे। इस अस्पताल के चार लोगों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद ये लोग डर गये और भागने की फिराक में लग गये। इसी दौरान कई भाग कर अपने गांव और रिश्तेदारों के यहां चले गये। लेकिन पांच लोग चिकित्सक के निर्देश पर अस्पताल के केयर टेकर के रूप में रुक गये।
लेडी सिंघम ने की त्वरित कार्रवाई
इसके बाद ये पांचों मुंगेर के डीएम का फर्जी ऑर्डर वाहन में लगाकर भागकर शेखपुरा चले गये। जब इस मामले की जानकारी एसपी लिपि सिंह को मिली तो उन्होंने शेखपुरा के एसपी दयाशंकर से बात की और पांचों को मुंगेर लाने में मदद मांगी।
शेखपुरा पुलिस ने पांचों को पकड़ा
इसके बाद शेखपुरा पुलिस की एक टीम गठित की गई और पांचों को श्याम सरोबर पार्क मुहल्ले के पीछे खलिहान से देर रात पकड़ लिया गया। फिर एंबुलेंस से लेकर कोतवाली थाना लाया गया।
धर्मशाला में रखा गया
मुंगेर की एसपी लिपि सिंह के मुताबिक भागे पांचों लोगों को शेखपुरा से मुंगेर लाया गया है. जहां गोयनका धर्मशाला में बने आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है।