रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान हिंसा के बाद बिहारशरीफ में भड़की दंगा पर आज पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.. जिसमें बिहार सरकार की मंशा पर कई सवाल उठाए गए . साथ ही नालंदा पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाया गया..
चीफ जस्टिस के बेंच में हुई सुनवाई
पटना हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस राजीव राय की डबल बेंच ने सुनवाई की। ये सुनवाई पटना हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर हुई. ये जनहित याचिका(PIL)बिहार शरीफ के ही रहने वाले अमरेंद्र कुमार द्वारा दाखिल किया है। जिसपर आज सुनवाई हुई.. याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट एसडी संजय ने पक्ष रखा।
निष्पक्ष जांच की मांग
याचिका में पुलिस जांच पर भी सवाल उठाया गया है । जिसमें कहा गया है कि पुलिस ने एक खास समुदाय के लोग को टारगेट कर रही है । उनके ऊपर कई FIR किए। साथ ही कहा कि बिहार शरीफ पुलिस ने उन लोगों की FIR नहीं ली, जो पीड़ित हैं। इस कारण मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन कराकर किया जाए। बिहार शरीफ में पुलिस ने उन लोगों की FIR नहीं ली, जो पीड़ित हैं। इस कारण से भी PIL दाखिल किया गया है।
आंतकियों के हाथ की आशंका
याचिकाकर्ता के वकील एसडी संजय ने कहा कि कुछ दिनों पहले ही NIA ने PFI के लोगों को बिहार शरीफ से पकड़ा भी था। इसी कारण बिहार शरीफ के लोगों को शक है कि इस हिंसा को प्लान वे में एक साजिश के तहत अंजाम दिया गया है। इसलिए पूरे मामले की जांच NIA या CBI से कराई जाए। क्योंकि, इसमें अंतराष्ट्रीय आतंकवादियों का भी हाथ हो सकता है।
याचिका में क्या कहा गया
रामनवमी की शोभायात्रा शांतिपूर्ण तरीके से निकाली जा रही थी.. जिसमें करीब डेढ़ लाख लोग शामिल थे। जैसे ही शोभा यात्रा कब्रिस्तान के पास पहुंची, पहले से वहां पर मौजूद लोग गंदे इशारे करने लगे थे। लोगों को दिग्भ्रमित करने लगे थे। तब शोभा यात्रा में शामिल लोगों ने उसका विरोध किया। जिसके बाद वहां पर पत्थरबाजी शुरू हो गई।
पुलिस मूकदर्शक बनी रही
याचिकाकर्ता ने आरोप लगााया कि शोभायात्रा के साथ पुलिस भी चल रही थी.. लेकिन हिंसा के वक्त पुलिस मूकदर्शक बन गई। इस घटना में बहुत नुकसान हुआ है। बहुत सारे लोग गायब हैं। इसलिए सही जांच कराने की मांग की गई है। जिसका नुकसान हुआ है, उसे सरकार से क्षतिपूर्ति दिलाने की भी मांग की गई है। इन सारी बातों को चीफ जस्टिस के सामने रखा गया है।
हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से इस पूरे मामले में जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने इस मामले में अब तक एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगा है.. यानि इस मामले में अब तक जो कार्रवाई राज्य सरकार, जिला प्रशासन और पुलिस की तरफ से की गई है, उसकी पूरी जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है । जिस पर गर्मी की छुट्टी के बाद सुनवाई होगी।