हर गांव में ये कहावत प्रचलित है कि संपन्न के नहीं दोष गोसाईं.. यानि जो अमीर है और ताकतवर उसकी कोई गलती नहीं होती है. ऐसा ही बिहार में हो रहा है. जब बिहार में एक बीजेपी विधायक ने सरेआम प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश की अपील का ही नहीं बल्कि कानून को तोड़ा है। नवादा के हिसुआ के बीजेपी विधायक लॉकडाउन के बावजूद हजारों किलोमीटर दूर जाकर अपनी बेटी को कोटा से लेकर आए
क्या है पूरा मामला
दरअसल, नवादा के हिसुआ के बीजेपी विधायक अनिल सिंह की बेटी कोटा में रहकर कोचिंग करती है. लॉकडाउन होने पर उनकी बेटी भी उन हजारों छात्रों की तरह वहीं फंस गई. इस बीच हिसुआ विधायक को अपनी बेटी की चिंता सताने लगी और वो गाड़ी लेकर खुद पटना से हजारों किलोमीटर दूर राजस्थान के कोटा जा पहुंचे और फिर बेटी को यहां ले आए
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अनिल सिंह ने दी सफाई
मामला सामने आने पर बीजेपी विधायक ने सफाई भी दी. बीजेपी विधायक अनिल सिंह ने कहा कि उनकी बिटिया कोटा में परेशान थी. मैं पहले पिता हूं फिर विधायक (MLA) हूं इसलिए मैंने पिता और विधायक का धर्म और कर्तव्य निभाया है. जब उनसे यह पूछा गया कि क्या उन्होंने कोरोना को लेकर की गई बंदी का उल्लंघन नहीं किया तो विधायक ने कहा कि मैं जिला प्रशासन की अनुमति और सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ही अपनी बेटी को वहां से लाया हूं.
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नीतीश ने कोटा से छात्रों को लाने की मांग को गलत बताया था
आपको बता दें कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने लॉकडाउन की वजह से कोटा में फंसे छात्रों को लेकर अपनी मंशा साफ कर दी है .उन्होंने स्पष्ट किया था कि कोटा में फंसे छात्रों को वापस नहीं बुलाया जाएगा. इससे पहले शनिवार को भी नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान स्पष्ट कर दिया था कि कोटा में फंसे छात्रों को बुलाने की जो मांग की जा रही है पूरी तरह से गलत है .अगर ऐसा होगा तो फिर लॉकडाउन का क्या मतलब?
पीके ने पूछे सवाल
बीजेपी विधायक की इस करतूत पर राजनीति भी शुरू हो गई है. नीतीश कुमार के पुराने साथी रहे प्रशांत किशोर ने वाहन पास दिखाते हुए नीतीश कुमार पर हमला बोला है. पीके ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कोटा में फँसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को @NitishKumar ने यह कहकर ख़ारिज कर दिया था कि ऐसा करना #lockdown की मर्यादा के ख़िलाफ़ होगा। अब उन्हीं की सरकार ने BJP के एक MLA को कोटा से अपने बेटे को लाने के लिए विशेष अनुमति दी है। नीतीश जी अब आपकी मर्यादा क्या कहती है?
कोटा में फँसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को @NitishKumar ने यह कहकर ख़ारिज कर दिया था कि ऐसा करना #lockdown की मर्यादा के ख़िलाफ़ होगा।
अब उन्हीं की सरकार ने BJP के एक MLA को कोटा से अपने बेटे को लाने के लिए विशेष अनुमति दी है। नीतीश जी अब आपकी मर्यादा क्या कहती है? pic.twitter.com/mGy9v0MHQS
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 19, 2020
तेजस्वी यादव ने भी साधा निशाना
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी नीतीश सरकार पर निशाना साधा है . उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि बिहार CM यूपी CM को कह रहे थे कि उन्हें कोटा में फँसे छात्रों को वापस लाने के लिए बसों को अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। दूसरी तरफ़ अपने MLA को गोपनीय तरीक़े से उनके बेटे को वापस लाने की अनुमति दे रहे थे।बिहार में ऐसे अनेकों VIP और अधिकारियों को पास निर्गत किए गए। फँसे बेचारा ग़रीब..
बिहार CM यूपी CM को कह रहे थे कि उन्हें कोटा में फँसे छात्रों को वापस लाने के लिए बसों को अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। दूसरी तरफ़ अपने MLA को गोपनीय तरीक़े से उनके बेटे को वापस लाने की अनुमति दे रहे थे।बिहार में ऐसे अनेकों VIP और अधिकारियों को पास निर्गत किए गए। फँसे बेचारा ग़रीब.. pic.twitter.com/mCNHZpRRVM
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 19, 2020
क्या कार्रवाई करेगी पार्टी
अब सवाल ये उठता है कि क्या सरकार दोषी अफसर के खिलाफ कार्रवाई करेगी जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान पास निर्गत किए और क्या बीजेपी अपने उस विधायक पर कार्रवाई करेगी जिसने प्रधानमंत्री मोदी के आदेशों की अवहेलना की है ।
सबसे बड़ा सवाल
सबसे बड़ा सवाल ये है कि विधायक जी को अपनी बेटी की चिंता थी. अगर उन्हें इतना ही ख्याल था तो अपने विधानसभा क्षेत्र के प्रवासी मजदूरों के लिए क्या किया जो दूसरे राज्यों में फंसे हैं. या हिसुआ का सिर्फ एक ही छात्र तो कोटा में नहीं फंसा होगा ?