नालंदा में छात्र जेडीयू के प्रदेश महासचिव राकेश कुमार की हत्या कर दी गई है। पुलिस ने राकेश कुमार का शव हरनौत थाना के अलीपुर गांव से बरामद किया है। राकेश का शव अलीपुर गांव के खंधे में जमीन में गाड़ा गया था। राकेश की हत्या की खबर मिलते ही खरुआरा गांव में मातम पसर गया है। गांव के लोग गुस्से में हैं और पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं। राकेश के परिजनों का कहना है कि अगर पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो राकेश कुमार की जान बच जाती।
आपको बता दें कि 29 मई से राकेश कुमार लापता है। राकेश कुमार हरनौत के खरुआरा गांव का रहने वाला था। 29 मई को वो पीएनबी बैंक से पैसे निकालकर घर आया था। तभी उसका एक दोस्त मनीष उसे बुलाकर डिहरा गांव ले गया। जहां से उसका पता नहीं चला। राकेश का शव अलीपुर गांव के खंधे से तो बरामद कर लिया गया है लेकिन मनीष का अबतक पता नहीं चला है।
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सवालों के घेरे में हरनौत पुलिस
राकेश के घरवालों ने 30 मई को हरनौत पुलिस को राकेश के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। राकेश के घरवालों की शिकायत के बाद डिहरा गांव के दीपक को पुलिस ने हिरासत में लिया और उसे पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया। जबकि राकेश के घरवालों का कहना था कि दीपक ने राकेश की हत्या कर दी है। वही, गुनहगार है। लेकिन इसके बावजूद हरनौत पुलिस ने दीपक को छोड़ दिया। जिसके बाद दीपक फरार हो गया और पुलिस की पकड़ से दूर हो गया। वहीं,दीपक के घर का एक कमरा बंद था। जिसे राकेश के घरवालों ने खुलवाने को कहा लेकिन पुलिस ने उसे नहीं खुलवाया। आखिरकार शनिवार को जब खुद एसपी सुधीर कुमार पोरिका डिहरा गांव गए थे तो उस कमरे को खुलवाया गया। उस कमरे की रातों रात पेंटिंग करा दी गई थी। हालांकि फिर भी पुलिस को खून के निशान मिले। एसपी साहब और डॉग स्क्वॉइड की टीम पहुंची थी। जिसके बाद कुएं से राकेश के चप्पल और दिवाकर के टी शर्ट मिले थे। डिहरा गांव के लोगों ने नालंदा लाइव को बताया था कि उस रात वहां एक अनजान बोलेरो गाड़ी भी देखी गई थी। जिससे राकेश के शव को गायब करने का अंदेशा जताया गया था। राकेश के घरवाले भी राकेश की हत्या का अंदेशा लगा रहे थे। ऐसे में हरनौत पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजिमी है।
नालंदा लाइव के सवाल
पहला सवाल– आखिर दीपक ने पुलिस को कैसे चकमा दे दिया?
दूसरा सवाल- हरनौत पुलिस दीपक से सच क्यों नहीं उगलवा पाई?
तीसरा सवाल- जब घरवालों को दीपक पर शक था तो पुलिस ने दीपक पर नरमी क्यों दिखाई?
चौथा सवाल- दीपक के बंद कमरे को पुलिस ने क्यों नहीं खुलवाया ?
पांचवां सवाल- जब एसपी साहब डिहरा गए तो राकेश का चप्पल और टीशर्ट मिला, हरनौत पुलिस पहले क्यों नहीं खोज पाई?
छठा सवाल- राकेश के छात्र नेता था ऐसे में पुलिस ने जांच में कोताई क्यों बरती?
सातवां सवाल- क्या दीपक को छोड़ने के लिए पुलिस पर कोई राजनीतिक दबाव था ?
आठवां सवाल- क्या राकेश के हत्यारे को छोड़ने के बदले पुलिस ने मोटी रकम वसूली थी ?
नौवां सवाल- एसपी साहब के एक्टिव होने पर हरनौत पुलिस कैसे 12 घंटे में लाश को बरामद कर लिया ?
दसवां सवाल-अगर हरनौत पुलिस ने जांच में कोताही बरती है तो दोषी पुलिसवालों पर कार्रवाई क्यों न हो ?
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