नालंदा में ठेंगे पर कानून.. जेडीयू विधायक और नेताओं ने जमकर उड़ायी धज्जियां

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अपने विधायक और नेताओं ने कानून की जमकर धज्जियां उड़ाई. मुख्यमंत्री के गृह जिले में कानून को ठेंगा दिखाया गया. जेडीयू विधायक और नेताओं ने जता दिया की उन्हें न तो कानून की फिक्र है और ना हीं कार्रवाई का डर.. और हो भी क्यों.. सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का

अस्थावां विधायक ने तोड़ा कानून
अस्थावां के जेडीयू विधायक डॉ जितेंद्र कुमार ने जमकर कानून का उल्लंघन किया. चुनाव होने में अभी दो से तीन महीने का वक्त बाकी है लेकिन नेताजी और विधायक जी कानून की धज्जियां उड़ाने में जुट गए.

सामूहिक भोज का आयोजन
अमरावती मध्य विद्यालय में विधायक जी एक जनसभा को संबोधित किया. जिसमें सैंकड़ों की तादाद में लोग शामिल हुए. इस दौरान सार्वजनिक भोज का भी आयोजन किया गया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का जमकर उल्लंघन किया गया. न तो लोगों के चेहरे पर मास्क थे और ना ही दो गज की दूरी का ख्याल था. होता भी कैसे विधायक जी ने जो शाही भोज का आयोजन किया था.

ठेंगे पर यातायात नियम
सामूहिक भोज तो छोड़ दीजिए. विधायक जी अपनी हनक दिखाने में बाज नहीं आए. उनका काफिला जब सड़क पर निकला तो लंबी कतार लग गई. सैंकडो़ं की तादाद में बाइक सवार कार्यकर्ता शामिल हुए. जिसमें कुछ जागरुक कार्यकर्ता तो मास्क और हेलमेट पहने थे. बाकि तो ऐसे ही नेता जी का जयकार लगा रहे थे. जैसे यहां उनका राज चलता है. ना पुलिस का डर और ना ही कानून की चिंता

जेडीयू महिला अध्यक्ष ने तोड़ा कानून
विधायक जी तो विधायक जी.. दूसरे नेता भी कानून तोड़ने में पीछे नहीं रहे. जेडीयू की नालंदा जिला महिला अध्यक्ष ने भी कानून का उल्लंघन किया. उन्होंने गिरियक के डाक बंगला स्थित शिव पैलेस में जदयू महिला प्रकोष्ठ की बैठक बुलाई.. जिसमें सैंकड़ों की तादाद में महिलाओं ने हिस्सा लिया. इस दौरान महिलाओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया. साथ ही खाने-पीने के लिए नाश्ते का पैकेट भी बांटे गए.

नालंदा लाइव के सवाल
1. क्या नालंदा जिला प्रशासन जेडीयू विधायक जितेंद्र कुमार पर कार्रवाई करेगा
2. क्या जेडीयू विधायक पर कानून तोड़ने के लिए मुकदमा दर्ज होगा
3. क्या जेडीयू की महिला जिलाध्यक्ष पर कार्रवाई होगी
4. क्या नालंदा जिला प्रशासन में कार्रवाई करने का दम है
5. अगर कोरोना संक्रमण फैलता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा
6. क्या कानून सिर्फ आम लोगों के लिए है सत्ताधारियों के लिए नहीं
7. क्या लॉकडाउन गरीब,किसान, दुकानदार और आम लोगों के लिए है
8. जब कानून का उल्लंघन किया जा रहा था तो पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की

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