बिहार के नालंदा की एक बेटी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिला कारागार में बंद है । अब उसे उसके परिवार तक पहुंचाने के लिए दो जजों ने बीड़ा उठाया है। आखिरी नालंदा की पुष्पलता कैसे पहुंची अलीगढ़ जेल और जज साहब ने क्यों दोनों को जेल से बाहर निकलवाने का बीड़ा उठाया।
क्या है पूरा मामला
नालंदा जिला के थरथरी की रहने वाली पुष्पलता अलीगढ़ की जेल में बंद है । वो थरथरी प्रखंड के अस्ता खरजमा के रहने वाले दुर्गेश प्रसाद की पुत्री है। पुष्पलता के जेल में बंद रहने का कारण अलीगढ़ के जज दीपक कुमार मिश्र को लगा। जिसके बाद उन्होंने जेजेबी नालंदा के जज मानवेन्द्र मिश्रा के संपर्क किया और सहयोग मांगा ताकि महिला अपने परिवार के पास पहुंच सके।
एक बच्चे की मां है पुष्पलता
जब पुष्पलता को जेल लाया गया था, तब आठ माह की गर्भवती थी। उसकी मानसिक स्थिति भी सही नहीं थी। मानसिक चिकित्सालय वाराणसी में पुष्पलता का इलाज कराया गया। इलाज के बाद अक्टूबर 2020 को वह पुन: जेल लौटी। पुष्पलता को एक पुत्र पैदा हुआ था। उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए बच्चे को शिशु सदन, आगरा में रखा गया है।
कैसे जेल पहुंची पता नहीं
पुष्पलता ने जज को बताया कि उसकी मानसिक स्थिति पूर्व में खराब थी। इलाज पहले भी चला था लेकिन वह कैसे और किन परिस्थिति में जेल पहुंच गई, उसे याद नहीं है। उसने यह भी बताया कि अब मानसिक स्थिति ठीक है। ससुराल का पता झारखंड के लातेहार जिला के गारू निवासी रविरंजन कुमार की पत्नी के रूप में बताया है। जबकि मायके का पता नालंदा जिले के थरथरी प्रखंड का दिया।
परिवार वालों से मिलाने की लगायी थी गुहार
उन्होंने प्राधिकार के सचिव दीपक कुमार मिश्र से प्रार्थना पत्र लिखकर कहा कि उसके परिवार का कोई कभी मिलने नहीं आया। आधार कार्ड खो गया है। उसने पति व माता-पिता से मिलवाने की गुहार लगाई। महिला की गुहार के बाद दीपक कुमार मिश्र ने जिले में संपर्क कर घर वालों तक पहुंचाने की मुहिम शुरू की है। अब देखना यह है कि दोनों जजों की मुहिम कब रंग लाती है और कब नालंदा की बेटी की घर वापसी होती है।
पुष्पलता के पिता ने प्रकट किया आभार
महिला के पिता दुर्गेश कुमार ने बताया कि उन्हें लग रहा था कि उनकी पुत्री की मौत हो गई है, इस वजह से खोजबीन करना बंद कर दिया था। अब जब बेटी जीवित है तो उसे लाने अलीगढ़ जाएंगे। पुष्पलता के पिता ने प्राधिकार के सदस्यों, अलीगढ़ के न्यायधीश के प्रति आभार व्यक्त किया है।