नालंदा जिला राइस मिल एसोसिएशन को बड़ा झटका.. मिलरों की काली करतूत आई सामने

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नालंदा जिला में राइस मिलरों की कारगुजारी को पहले भी सामने आ चुकी है । लेकिन अब उसके बारे में बड़ा खुलासा हुआ है। ये खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि कौशलेंद्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया ने किया। जो नालंदा जिला राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष भी थे।

अध्यक्ष पद से इस्तीफा
कौशलेंद्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया ने नालंदा जिला राइस मिलर संघ के अध्यक्ष से इस्तीफा दे दिया है। कौशलेंद्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया ने इसका ऐलान मीडिया के सामने किया । इस दौरान उन्होंने राइस मिलरों पर कई संगीन आरोप भी लगाए ।

गुणवता से समझौता करते हैं मिलर
नालंदा जिला राइस मिल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कौशलेंद्र कुमार ने मिलरों पर गुणवता से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया । उन्होंने कहा कि चंद पैसों की लालच में मिलर घटिया क्वालिटी के चावल का उत्पादन कर रहे हैं । जो आदमी के खाने के लायक नहीं होता है ।

मुख्यमंत्री की बदनामी
कौशलेंद्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया ने कहा कि मिलरों की वजह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी बदनामी हुई है । उन्होंने कहा कि घटना चावल होने की वजह से जिला प्रशासन को दूसरे जिला में चावल भेजकर पर शर्मिंदा होना पड़ा। जिससे बिहार के मुख्यमंत्री के जिला होने के कारण नीतीश कुमार की छवि भी खराब हुई और राज्य भर में बदनामी हुई सो अलग। पूरे राज्य में इस जिला के लोगों की और मुख्यमंत्री का इसलिए बदनामी हुआ क्योंकि मिलर लोग द्वारा आपूर्ति चावल का स्तर घटिया था। जिसे आदमी तो क्या जानवर भी नहीं खा सकता था।

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मिलर के नाम पर माफिया
साथ ही कौशलेन्द्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया ने कहा की कुछ मिलर माफिया के तौर पर काम करते हैं। जो ना तो संघ की बातों को मानते हैं और ना ही चावल की गुणवता का ख्याल रखते हैं। उनका कहना था कि माफिया हर साल करोड़ों रुपया घूस के तौर पर बिहार राज्य खाद्य निगम के कार्यालय में देते हैं और घटिया क्वालिटी के चावल का उत्पादन कर रहे हैं । ऐसे में राइस मिल एसोसिएशन की बदनामी हो रही है ।

बदनामी की वजह से छोड़ा पद
छोटे मुखिया ने कहा कि नालंदा जिला राइस संघ को किसी मिलर ने चंदा देने के नाम पर 1 रुपय़ा भी नहीं दिया है । साथ ही कहा कि जब वे विधानसभा चुनाव लड़े तो दोनों बार मिलरों ने हरवाने का काम किया । ऐसी परिस्थिति में मेरे द्वारा संगठन चलाना अब सक्षम नहीं रह गया है। ऐसे स्वार्थी और मतलब परस्त लोग के साथ काम करना आत्मा मंजूर नहीं कर रहा है। इसलिए अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं ।

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