सावधान! बिहार सरकार का नया फरमान.. जानिए अब किसे नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी..

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बिहार सरकार का एक और फरमान विवादों में आ गया है. पहले सोशल मीडिया पर अधिकारी, मंत्री, विधायक के खिलाफ लिखने पर कार्रवाई की बात कही गई थी. अब बिहार सरकार ने एक नया फरमान जारी कर दिया है.

प्रदर्शन करने का अधिकार छीना
बिहार सरकार ने आपसे प्रदर्शन करने का अधिकार छिन लिया है। अगर आप प्रदर्शन करते पकड़े गए तो
1. आपको सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी
2. आपको सरकारी ठेका नहीं मिलेगा
3. विदेश जाने के लिए पासपोर्ट नहीं बनेगा
क्योंकि पासपोर्ट बनवाने के लिए आपका आचरण प्रमाण पत्र खराब हो जाएगा। आचरण प्रमाण पत्र खराब हो गया तो आप विदेश भी नहीं जा सकते। मतलब आपको वैसा कोई काम करने का मौका नहीं मिलेगा जिसमें आचरण प्रमाण-पत्र की जरूरत होती है।

तेजस्वी ने हिटलर-मुसोलनी से तुलना
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिहार पुलिस मुख्यालय के नए नोटिफिकेशन को लेकर बेहद कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि ”मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते है अगर किसी ने सत्ता-व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी। मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे। बेचारे 40 सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे हैं?”

सरकारी आदेश में क्या लिखा है
1 फरवरी 2021 को जारी इस चिट्ठी में लिखा है कि ”यदि कोई व्यक्ति किसी विधि-व्यवस्था की स्थिति, विरोध प्रदर्शन, सड़क जाम इत्यादि मामलों में संलिप्त होकर किसी आपराधिक कृत्य में शामिल होता है और उसे इस कार्य के लिए पुलिस द्वारा आरोप पात्रित किया जाता है तो उनके संबंध में चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में विशिष्ट एवं स्पष्ट रूप से प्रविष्टि की जाए। ऐसे व्यक्तियों को गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहना होगा क्यों कि उनमें सरकारी नौकरी/सरकारी ठेके आदि नहीं मिल पाएंगे।”

इतना ही नहीं इसका सौ फीसदी पालन किया जाए, इसके लिए पुलिस महकमे के ऊपर से नीचे तक के अफसरों को निर्देश दिया गया है। साफ-साफ लिखा है कि ”प्रतिवेदन तैयार करने के लिए संबंधित थाना द्वारा सभी अभिलेखों यथा- अपराध अनुक्रमणी भाग-2 अल्फाबेटिकल पंजी, प्राथमिकी, आरोप-पत्र एवं अन्य सभी आवश्यक अभिलेखों का अध्ययन किया जाएगा। किसी भी परिस्थिति में चूक नहीं होनी चाहिए। पुलिस सत्यापन प्रतिवेदन पूर्ण और सही-सही हो, यह संबंधित थानाध्यक्ष की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी।”

स्वतंत्रता के अधिकार का क्या होगा?
पुलिस मुख्यालय के इस लेटर में और बेहद कड़े शब्दावली का इस्तेमाल किया गया है। ऐसा लगा रहा है कि धरना-प्रदर्शन करने वाले लोग दूसरे ग्रह से आए हुए लोग हैं। जबकि धरना-प्रदर्शन करना संवैधानिक अधिकार है। विचारों की अभिव्यक्ति के तहत देश के हर नागरिक को यह अधिकार मिला है। कानून के दायरे में शांतिपूर्ण तरीके से धरना-प्रदर्शन की इजाजत है। ‘राइट टु फ्रीडम’ का अधिकार मिला हुआ है। इसमें विचार अभिव्यक्ति के अधिकार शामिल हैं। इसके तहत कोई भी शख्स कानून के दायरे में धरना, प्रदर्शन या फिर भाषण आदि दे सकता है। अनुच्छेद-19 के तहत हर नागरिक को विचार और अभिव्यक्ति का अधिकार मिला हुआ है। मगर बिहार सरकार राइट टु फ्रीडम की गला घोंटने पर लगी हुई है।

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