नीतीश कुमार कब कौन सी चाल.. कहां, कब और कैसे चलते हैं ?.. ये विपक्षी तो छोड़िए उनके सहयोगियों को भी पता नहीं रहता है. नीतीश के मन में क्या है.. ये बात पब्लिक को तो छोड़ दीजिए.. राजनीतिक पंडित भी नहीं समझ पाते हैं.. कहने वाले तो ये कहते हैं कि नीतीश कुमार जो दाहिने हाथ से करते हैं.. वो बाएं हाथ को पता नहीं चलता और जो बाएं से करते हैं उसकी भनक दाहिने हाथ को नहीं लगता है.. तभी तो लालू प्रसाद यादव से मिलने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार दूसरे दिन आज राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचे.. पहले दिन लालू यादव से मुलाकात नहीं हुई थी.. इसके मायने क्या हैं ?.. ये भी आपको बताएंगे.. पहले आज की पूरी घटना को समझिए..
आज बीजेपी के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती है.. पंडित दीनदयाल उपाध्याय के लिए नीतीश कुमार ने राजकीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें नीतीश कुमार शरीक हुए और उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित की.. इस मौके पर उनके डिप्टी तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे । ये कोई अचानक नहीं हुआ है.. या इसका कोई मायने नहीं है.. ऐसा भी नहीं.. क्योंकि नीतीश कुमार कोई भी चीज ऐसे नहीं करते हैं ।
सुबह नीतीश कुमार ने बीजेपी के संस्थापक को श्रद्धांजलि दी. पंडित दीनदयाल के कामों की तारीफ की और शाम में राबड़ी आवास जा पहुंचे और लालू यादव से मुलाकात की.. क्योंकि रविवार को जब नीतीश कुमार लालू यादव से मिलने गए थे। तो दोनों नेताओं की मुलाकात नहीं पाई थी। लेकिन आज मुलाकात हुई.. गुलदस्ता देखकर नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव का कुशलक्षेम पूछा..
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्या है.. इसके पीछे की इनसाइड स्टोरी क्या है ?.. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि नीतीश कुमार इसके जरिए NDA और INDIA को साधने की कोशिश करते हैं.. जैसे शरद पवार महाराष्ट्र में साध रहे हैं.. लेकिन इसके पीछे की असली कहानी आपको समझाएंगे.. पहले इसकी क्रोनोलॉजी को समझिए..
जब पीएम मोदी से गर्मजोशी से मिले
दिल्ली में G-20 सम्मेलन का आयोजन किया गया था। राष्ट्रपति की ओर से डिनर का आयोजन किया गया था। मुख्यमंत्री होने के नाते नीतीश कुमार को भी न्योता दिया गया था। जो नीतीश कुमार PM के कार्यक्रम का अघोषित बहिष्कार कर रहे थे. आखिर अचानक उनके मन में कैसे बदलाव आया और पीएम मोदी से गर्मजोशी से मिले ।
मुलाकात के बाद बिहार को फंड
PM मोदी से मुलाकात का असर भी दिखा। मोदी सरकार ने बिहार सरकार के 3884 करोड़ का फंड भी रिलीज कर दिया। जबकि इस फंड का इंतजार बिहार सरकार को काफी पहले से था।
शरद पवार की मीटिंग से दूरी
दूसरी ओर, विपक्षी गठबंधन INDIA के कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक दिल्ली में शरद पवार के आवास पर आयोजित की गई। जिसमें जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को आमंत्रित किया गया। क्योंकि वो उस कमेटी का सदस्य हैं। लेकिन ललन सिंह उस बैठक में शामिल नहीं हुए। कारण बताया गया कि राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की तबीयत खराब है..
अब दीनदयाल की जयंती
नीतीश कुमार अब बीजेपी के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तारीफ कर रहे हैं। उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं । तेजस्वी यादव को भी अपने पुराने बयान को लेकर अहसज होना पड़ता है।
बिधूड़ी पर चुप्पी
रमेश बिधुड़ी के संसद में बयान पर विपक्ष बीजेपी पर हमलावर है। उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग कर रहा। उस पर जब नीतीश कुमार से सवाल पूछा जाता है तो वो सिर्फ इतना कहते हैं कि ऐसी बातों पर उन्हें कुछ नहीं बोलना है। जबकि वो चाहते तो रमेश बिधुड़ी को लेकर पूरा बीजेपी नेतृत्व पर निशाना साध सकते थे। लेकिन नीतीश कुमार ने ऐसा कुछ नहीं बोलकर.. अपना संदेश दे दिया।
लालू यादव से मुलाकात
लालू यादव से मिलने के लिए नीतीश कुमार आज दूसरे दिन राबड़ी आवास पहुंचे। पहले दिन लालू यादव से मुलाकात नहीं हो पाई। बताया गया कि लालू प्रसाद यादव पहले ही राजगीर के लिए घर से निकल चुके थे। जिस वक्त नीतीश कुमार लालू जी के घर पहुंचे। उस वक्त लालू जी दनियावां से आगे निकल चुके थे। अब सोचिए कि ऐसा तो है नहीं..नीतीश कुमार बिना बात किए ही राबड़ी आवास पहुंचे होंगे. इसकी सूचना तेजस्वी और लालू परिवार के दूसरे सदस्यों को रही होगी। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं.. उनका हर मूवमेंट से पहले जानकारी दी जाती है ।
मतलब में राजनीति में कुछ भी अचानक नहीं होता है। जैसे शतरंज में खिलाड़ी के लिए हर चाल की अहमियत होती है… उसी तरह राजनीति में हर चाल की अपनी एक सोची समझी रणनीति होती है।
इसके क्या हो सकते हैं मायने
पहला – नीतीश कुमार इसके जरिए RJD को मैसेज देना चाहते हैं कि.. लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे में उनकी ही चलेगी.. वर्ना दूसरे रास्ते भी खुले हैं
दूसरा- बीजेपी के साथ उनका सॉफ्ट कॉनर्र INDIA गठबंधन की बड़ी पार्टी कांग्रेस को भी.. गठबंधन में नीतीश कुमार को मजबूत स्थान देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा