नालंदा में बढ़ती अपराध की घटना को नियंत्रण के लिए पुलिसिंग सिस्टम में बदलाव किया गया है. जो आज से लागू हो गया है. ये बदलाव डीआईजी राजेश कुमार के आदेश पर किया गया है। जिसके बाद नालंदा के एसपी निलेश कुमार ने नई पुलिसिंग व्यवस्था के बारे में सभी डीएसपी, इंस्पेक्टर और थानेदारों को निर्देश भेज दिया है । अब आपको बारी बारी बदलाव के बारे में जानिए
ACT का गठन
नालंदा में क्राइम कंट्रोल के लिए एंटी क्राइम टीम के गठन करने का आदेश दिया गया है . जिसमें खुद डीएसपी और थानाध्यक्ष खुद होंगे . इस टीम में एक पदाधिकारी, पांच सुरक्षा कर्मी, एक जीप या दो बाइक शामिल होगी। जिससे कभी भी छापेमारी कर अपराधियों को पकड़ा जाएगा। एसीटी अपने अधिकारी के निर्देश पर कार्य करेंगे।
सुबह 9 बजे लगानी होगी हाजिरी
नई पुलिसिंग के तहत थानों में तैनात पदाधिकारी और आरक्षी को सुबह 9 बजे हाजिरी बनानी होगी। एसएचओ इनकी हाजिरी लेंगे। 6 घंटे में 6 स्थानों पर वाहनों की चेकिंग की जाएगी। 50 वाहनों की चेकिंग अनिवार्य है। वाहनों के नंबर और चालक का मोबाइल नंबर थानाध्यक्ष को उपलब्ध कराया जाएगा।
पॉकेट सर्च कॉन्सेप्ट की शुरुआत
नई पुलिसिंग सिस्टम में पॉकेट सर्च कॉन्सेप्ट भी शामिल है। इसके तहत सर्च और सीजर की कार्रवाई होगी। प्रत्येक टीम में दो पदाधिकारी और दस सिपाही रहेंगे। इसके तहत चिंहित स्थान पर जहां बदमाश जमा होते है वहां सर्च होगा। ऐसे दस स्थानों पर कार्रवाई अनिवार्य है। प्रत्येक पॉकेट में टीम 15 मिनट सर्च करेगी।
थानों को कई सेक्टरों में बांटा गया
नालंदा जिला में नई पुलिसिंग सिस्टम के तहतक सभी थानों को कई सेक्टरों में बांटा जाएगा। सभी सेक्टर में अवर निरीक्षक रैंक के अधिकारी की तैनाती होगी। साथ में दो आरक्षी भी रहेंगे। इलाके में होने वाले अपराध की जवाबदेही सेक्टर अधिकारी की होगी।