नालंदा जिला के 342 मध्य विद्यालयों के हेडमास्टर को शिक्षा विभाग ने बड़ा झटका दिया है। जिले के 342 मिडिल स्कूलों के हेडमास्टरों की पोस्टिंग रद्द कर दी गई है। ये फैसला कोर्ट के आदेश पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सुनाया है ।
क्या है पूरा मामला
पिछले साल यानि 8 मार्च 2018 को नालंदा जिला में प्राथमिकता के आधार पर 342 हेडमास्टर की पोस्टिंग हुई थी। शिक्षकों के स्कूल आवंटन के बाद जिला शिक्षा विभाग के इस फैसले के खिलाफ 18 टीचर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद कोर्ट ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को सुनवाई की जिम्मेवारी सौंप दी थी।
सही तरीके से नहीं हुई थी पोस्टिंग
कोर्ट के आदेश पर सुनवाई कर रहे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने माना कि इस मामले में स्थानांतरण और पदस्थापन की प्रक्रिया को नहीं माना गया। ये फैसला नालंदा जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा दिए गए साक्ष्यों के आधार पर किया गया। डीईओ ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि साल 2017 में सीडब्लूजेसी मामलों के पारित आदेश का अनुपालन स्थानांतरण और पदस्थापन में नहीं किया गया है।
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साल 2016 में लॉटरी से हुई थी पोस्टिंग
नालंदा के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने ये भी बताया इससे पहले 29 अक्टूबर 2016 को हेडमास्टर के पद पर प्रमोशन और ट्रांसफर किया गया था। जिसमें वाद विवाद से बचने के लिए लॉटरी का सहारा लिया गया था ।
पोस्टिंग रद्द होने के बाद अब क्या होगा
नालंदा के डीपीओ स्थापना अरिंजय कुमार का कहना है कि अब शिक्षकों का वरीयता के आधार पर पोस्टिंग की जाएगी। उनका कहना है कि एक साल के भीतर रिटायर होने वाले शिक्षक, दिव्यांग और महिला शिक्षकों को पहले प्राथमिकता दी जाएगी।
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जिला शिक्षा पदाधिकारी ने क्या कहा
नालंदा के जिला शिक्षा पदाधिकारी यानि डीईओ मनोज कुमार का कहना है कि हेडमास्टर की पोस्टिंग में विभाग के मापदंड का पालन नहीं किया गया था। जिसके कारण अपर मुख्य सचिव ने एचएम की पोस्टिंग को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। उन्होने बताया कि सबसे पहले डीडीओ से पद भरा जाएगा और उसके बाद सीआरसी और अंत में विद्यालयों में पदस्थापन दिया जाएगा।
कोर्ट के आदेश पर हुई थी पोस्टिंग
आपको बता दें कि 8 मार्च 2018 को कोर्ट के आदेश पर ही शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने ओपन काउंसलिंग का निर्देश दिया था। जिसके बाद ओपन काउंसलिंग के जरिए 342 एचएम की पोस्टिंग की गयी थी। पोस्टिंग में अनियमितता को लेकर 18 शिक्षकों ने कोर्ट में सीडब्लूजेसी दायर कर दिया था। शिक्षकों का आरोप था कि पोस्टिंग में वरीयता को नजर अंदाज कर पोस्टिंग किया गया है। कोर्ट में दिये गए हलफनामे में कहा गया है कि वरीयता संख्या 1 मो हसनैन का पदस्थापन उर्दू मध्य विद्यालय खाजा अहमदपुर,बिहरशरीफ में किया गया। जो निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी का पद नहीं है।
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किन 18 शिक्षकों ने कोर्ट में दायर की थी सीडब्लूजेसी
रतन गुप्ता, संजीव कुमार, सतीश कुमार, ओम प्रकाश चौधरी, विनोद चौधरी, रंजीत पासवान, श्रवण कुमार, अशोक कुमार, शशि भूषण पाण्डेय, धर्मेंद्र प्रसाद, ओम प्रकाश प्रसाद, श्रवण कुमार, अनिल कुमार, कुमार धीरज चंद, अरविंद कुमार, शंकर रजक, नवल किशोर पासवान, संजय कुमार और इंद्रजीत पासवान