नालंदा पुलिस ने दीपनगर के सर्वोदय नगर में हुए एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या की गुत्थी सुलझा ली है. पुलिस ने इस मामले में सनसनीखेज खुलासा किया है। साथ ही पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिन पर हत्या के आरोप लगे हैं. आपको हत्या की वजह बताएंगे. लेकिन उससे पहले जान लीजिए कि किसकी किसकी गिरफ्तारी हुई है
कौन कौन गिरफ्तार
नालंदा पुलिस ने जिन पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है उसमें दीपनगर के देवीसराय का रहने वाला विरेन्द्र पासवान, शेखपुरा जिले के बरबीघा थाना क्षेत्र के विरपुर गांव का रहने वाला चंदन उर्फ टुनटन. टुनटुन राजमिस्त्री का काम करता है और साठोपुर में राजू रजत के मकान में किराएदार है। सर्वोदय नगर का रहने वाला महेंद्र पासवान, मघड़ा गांव का रहने वाला प्रदीप पासवान और मघड़ा गांव के ही रामप्रवेश पासवान शामिल हैं.
हत्या के पीछे करोड़ों की जमीन
नालंदा के एसपी नीलेश कुमार के मुताबिक मृतक रवि की नानी को भूदान में 28 डिसमील जमीन मिली थी। नानी ने ये जमीन रवि को दे दी। जिसके कुछ हिस्से में वो मकान बनाकर रह रहा था। कथित रिश्तेदार विरेन्द्र पासवान की नजर उस जमीन पर थी। इस कारण उसने परिवार के सभी लोगों को मौत के घाट उतार दिया।
बेरहमी से की गई थी चारों की हत्या
एसपी नीलेश कुमार के मुताबिक सभी बदमाश आसपास के थे। जिसमें एक रिश्तेदार है। इस कारण सभी को परिवार जानता था। पांचों बदमाश घटना के दिन रवि के घर गए। इसके बाद जमीन के पर्चा की मांग करने लगे। नहीं देने पर शिक्षिका और बच्चों की गर्दन पर चाकू रख दिया। इसके बाद रवि ने स्टोरवेल से पर्चा निकाल बदमाशों के हवाले कर दिया। पर्चा लेने के बाद बदमाशों ने परिवार को मौत के घाट उतार दिया। जमीन शहर के करीब होने के कारण कीमत करोड़ों में है। बदमाशों से पूछताछ में खुलासा किया कि पर्चा नहीं देने पर चाकू से शिक्षिका पर वार किया गया। इसके बाद उनके पति पर। जख्मी होने के बाद दोनों का गला दबा दिया गया। दोनों बच्चों की हत्या गला घोंटकर हुई। इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हुआ है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, दीपनगर के सर्वोदय नगर मोहल्ले में 2 अक्टूबर की रात बदमाशों ने एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर दी. हत्याकांड का खुलासा 5 अक्टूबर को हुआ. जब घर से दुर्गंध आने लगी. तो पड़ोसियों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी. पुलिस ने दरवाजा तोड़ा। घर से एक परिवार के चार सदस्यों की लाश मिली।जिसमें 38 साल के रवि कुमार, उनकी शिक्षिका पत्नी 32 साल की नेहा कुमारी, 10 साल की बेटी जैनी कुमारी और 8 साल का बेटा अहान शामिल है। मृतक दंपती के गर्दन पर धारदार हथियार से बने जख्म थे।
किरायेदार बना चश्मदीद
किरायेदार देवानंद पासवान घटना का चश्मदीद बना है। उसने पांचों अभियुक्तों को घटनास्थल पर आने की जानकारी दी। वारदात शुक्रवार रात 9:30 से 11 बजे के बीच हुई। खुलासा सोमवार को हुआ।
बाकी आरोपियों को दिया जमीन का लालच
हत्याकांड के मास्टरमाइंड ने अपने रिश्तेदार रामप्रवेश को जमीन देने का लालच दिया था. जबकि अन्य को 50-50 हजार रुपया नकदी। जिसके झांसे में आकर बदमाशों ने परिवार की हत्या में सहयोग किया।
स्पीडी ट्रायल में होगी सुनवाई
नालंदा के एसपी ने बताया कि गिरफ्तार बदमाशों पर स्पीडी ट्रायल चलाकर सजा दिलाई जाएगी। जल्द ही पुलिस पूरक जांच रिपोर्ट कोर्ट के हवाले करेगी। बदमाशों को सजा दिलाने के लिए पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध है।
आरोपियों के परिजनों का जांच पर सवाल
गिरफ्तार आरोपियों के परिजन पुलिस जांच पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना हैकि पुलिस ने सभी को पूछताछ के लिए थाना बुलाया और थर्ड डिग्री का इस्तेमाल कर हत्या में संलिप्त होने का गुनाह कबूल करा लिया। अगर गिरफ्तार लोगों की संलिप्ता है तो दंपती का मोबाइल, घटना में इस्तेमाल की गई चाकू और लूटा गया जमीन का पर्चा क्यों नहीं बरामद हुआ। वे लोग इसकी शिकायत वरीय अधिकारियों से करेंगे।
जांच टीम में कौन कौन
हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए नालंदा के एसपी ने सदर डीएसपी शिब्ली नोमानी के नेतृत्व में टीम गठित की गई थी. जिसमें दीपनगर के थानाध्यक्ष मुश्ताक अहमद, डीआईयू इंस्पेक्टर सुबोध कुमार, दारोगा चंद्रमौली वर्मा, विजय कुमार उपाध्याय, सतीश झा, डीआईयू के चंदन कुमार, राजेश कुमार, प्रशिक्षू दारोगा सुमित्रा कुमारी, बबिता कुमारी, सिपाही पंकज कुमार, मुकेश कुमार, राकेश कुमार, घनश्याम पासवान, सुरेश कुमार, नसीम खां शामिल थे।