
कोरोना संकट से निपटने के लिए बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है । बिहार सरकार ने सूबे से सभी मंत्रियों और विधायकों की सैलरी में कटौती का एलान किया है। जो तत्काल प्रभाव से लागू भी हो गया है ।
15 फीसदी की होगी कटौती
बिहार सरकार ने सभी मंत्रियों और विधायकों की सैलरी में एक साल के लिए 15 फीसदी की कटौती का फैसला लिया है। मंत्रियों और विधायकों के वेतन कटौती से जमा हुई राशि को कोरोना संक्रमण उन्मूलन कोष में जमा किया जायेगा। जो तत्काल प्रभाव से लागू भी हो गया है ।
भत्ते पर कटौती क्यों नहीं
गौरतलब है कि विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री सभी का वेतन 40 हजार महीना है। इसी का 15 प्रतिशत अर्थात छह हजार हर माह इनके वेतन से कट जाएगा। इसके अलावा विधायकों को प्रतिमाह 50 हजार भत्ता मिलता है। पर, कटौती सिर्फ वेतन में से ही होगी।
सांसदों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती
आपको बता दें की मोदी सरकार ने सभी सांसदों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती का एलान किया था. जिसके बाद से ही विधायकों और मंत्रियों की सैलरी कटौती को लेकर दवाब बनना शुरू हो गया था। जिसके बाद सरकार ने वेतन कटौती का फैसला लिया है .
15 फीसदी क्यों
सरकार के फैसले पर लोगों ने सवाल उठाना भी शुरू कर दिया है । लोगों का कहना है कि जब दूसरे राज्य अपने विधायकों की सैलरी में 30 फीसदी से ज्यादा कटौती कर रहे हैं तो फिर बिहार सरकार ने 15 फीसदी ही क्यों किया. हालांकि राजनीति विश्लेषकों का कहना है कि चुनावी साल होने की वजह से मंत्रियों और विधायकों की सैलरी में कम कटौती की गई है ।