मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के घर में ही फूट हो गया.. उपेंद्र कुशवाहा और उनकी पत्नी स्नेहलता आमने-सामने हैं.. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या उपेंद्र कुशवाहा अपनी पत्नी का विरोध कर पाएंगे..
क्या है मामला
दरअसल. राजगीर में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी RLJD का तीन दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया था.. जिसके आखिरी दिन उपेंद्र कुशवाहा और पार्टी के दूसरे नेताओं ने भी अपने विचार रखे.. इसी दौरान उपेंद्र कुशवाहा और उनकी पत्नी स्नेहलता एक दूसरे के आमने-सामने आ गए..
किस मुद्दे पर मतभेद
दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा और उनकी पत्नी स्नेहलता के बीच नीतीश कुमार की पॉलिसी पर मतभेद दिखा.. उपेंद्र कुशवाहा जहां शराबबंदी का विऱोध करते दिखे.. तो वहीं, उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी ने शराबबंदी का समर्थन किया।
क्या बोलीं स्नेहलता?
उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता ने शराबबंदी पर नीतीश कुमार की भाषा का ही प्रयोग किया.. उन्होंने कहा कि “शराबबंदी को सफल बनाने के लिए आप लोगों के सहयोग की जरूरत है. जब तक आप आम लोगों को गांव-देहात में कहीं भी शराब का विरोध नहीं करेंगे तब तक कैसे शराबबंदी सफल होगी. इसलिए शराबबंदी का विरोध करने के बजाय आप लोग खुद एकजुट होकर गांव गांव जाकर लोगों को समझायें. सिर्फ ये कह देना कि शराबबंदी कारगर नहीं हो रहा है, ये गलत है. इसके लिए सभी लोगों के सहयोग की जरूरत है.”
उपेंद्र कुशवाहा ने क्या कहा?
उपेंद्र कुशवाहा नीतीश सरकार की शराबबंदी कानून का विरोध कर रहे थे.. उन्होंने कहा कि विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गला चीर चीर कहा था कि जो दारू पिएगा वो मरेगा। अब उन्होंने अपने फैसले को फिर से पलटा है और मृतक के आश्रितों को 4-4 लाख मुआवजा दे रहें हैं। जब जब नीतीश कुमार को लगता है कि उनके फैसले से वोट बैंक खिसक रहा है तो वो अपने फैसले को पलट देने का काम करते हैं।
पॉलिटिक्स में कुशवाहा की पत्नी की एंट्री
माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में अगर बीजेपी उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के लिए कुछ सीटें छोड़ती है तो कुशवाहा अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में उतार सकती हैं.. इससे पहले कुशवाहा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पत्नी को चुनाव लड़वाना चाहते थे.. लेकिन तब ऐसा संभव नहीं हो पाया था क्योंकि तब वो जेडीयू में थे.
आनंद मोहन के बहाने अटैक
आनंद मोहन की जेल से रिहाई के मुद्दे पर भी उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी और नीतीश कुमार को घेरा.. उन्होंने कहा कि राघोपुर विधानसभा क्षेत्र के राजपूत समाज के वोटरों को खुश करने के लिए आनंद मोहन को जेल से बाहर निकाला गया है। इसलिए राजपूत समाज के लोगों को ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है। तेजस्वी यादव के आदेश पर नीतीश कुमार ने यह निर्णय लिया है। अगर इतिहास के सुनहरे पन्नों में लिखा जाएगा कि उल्टा पुल्टा निर्णय लेने वाले सीएम कौन हैं तो वो नीतीश कुमार के नाम से जाना जाएगा।
पीएम नहीं बन सकते नीतीश
उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार के मिशन पीएम पर भी हमला बोला.. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपने कर्मों की वजह से पीएम नहीं बन सकते हैं। उन्होंने सभी अवसरों को खो दिया है। आरजेडी ने उन्हें क्या क्या नहीं कहा.. कभी शिखंडी, भिखमंगा तो कभी पलटू राम जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया.. अब वही नीतीश कुमार आज आरजेडी के भैंस की सवारी कर रहे हैं। भैंस तो डूबेगी ही वो भी डूब जाएंगे।
कहां गया तेजस्वी का वादा
उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी यादव पर भी हमला बोला.. उन्होंने तेजस्वी यादव के पुराने वादे को याद किया और कहा कि तेजस्वी ने कहा था कि सरकार में आते ही पहली कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख युवाओं को नौकरी देंगे। लेकिन अब तक 100 से भी अधिक कैबिनेट की बैठक हो गई है और 10 लाख नौकरी गायब है। युवाओं को ठगने का काम सरकार के द्वारा किया गया है।
कौन कौन रहे मौजूद
चिंतन शिविर में पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक रमेश सिंगज कुशवाहा, पार्टी के प्रधान महासचिव माधव आनंद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ, राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक, प्रदेश उपाध्यक्ष मदन चौधरी, प्रदेश महासचिव सुभाष सिंह चंद्रवंशी, प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता रामपुकार सिन्हा, ब्रजेंद्र कुमार पप्पू, राहुल कुमार, युवा अध्यक्ष हिमांशु पटेल, अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अशोक राम, वरिष्ठ नेता इंजीनियर शंभूनाथ सिन्हा, अंगद कुशवाहा, अजय कुशवाहा, रामपुकार मेहता, संजय मेहता, सोनू कुशवाहा, जंग बहादुर कुशवाहा, अशोक मेहता, विनोद चौधरी निषाद, चंदन बागची, पप्पू वर्मा, रिंकू सोनी, मनोज यादव, ठाकुर धर्मेंद्र सिंह, भरत प्रसाद सिंह, बसंत चौधरी पटेल, चमेली वर्मा, सचिन कुमार कुशवाहा, धर्मेंद्र कुशवाहा, अरविंद कुशवाहा, विनोद कुशवाहा, सुजाता कुशवाहा, संकेत कुमार चंदन, पप्पू चौधरी, इंद्रजीत कुशवाहा, रामजी कुमार, संजय मुखिया समेत सैकड़ो की संख्या में पार्टी के राष्ट्रीय,प्रदेश, जिला प्रखंड एवं पंचायत स्तरीय नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहें।