अगर आप विश्व धरोहर में शामिल नालंदा खंडहर में घूमना चाहते हैं तो अब आपको अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी। क्योंकि नालंदा खंडहर का प्रवेश शुल्क बढ़ा दिया गया है। पिछले ढाई साल में प्रवेश शुल्क में आठ गुणा इजाफा हुआ है ।
कितना हो गया प्रवेश शुल्क
यूनेस्को ने नालंदा खंडहर को विश्व धरोहर में शामिल किया है। जिसके बाद से नालंदा खंडहर आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा भी हुआ है। साथ ही पिछले ढ़ाई साल में नालंदा खंडहर में प्रवेश शुल्क आठ गुना बढ़ गया। देसी पर्यटकों को अब एंट्री फीस के तौर पर 40 रुपए देने होंगे। जबकि ये पहले 5 रुपए लगता था।
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पुरातत्व विभाग ने एक अप्रैल 2016 को देसी और सार्क देशों के पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क 5 से बढ़ाकर 15 रुपए कर दिया था। जबकि विदेशी पर्यटकों के 100 से बढ़ाकर 200 कर दिया गया था। इसके बाद 8 अगस्त 2017 को दूसरी बार प्रवेश शुल्क को बढ़ाकर 15 से 25 तथा विदेशियों के लिए 200 रुपया कर दिया। जबकि 26 सितबंर 2018 से देसी और सार्क देश के पर्यटकों का प्रवेश शुल्क 25 रुपए से बढाकर 40 रुपए कर दिया गया है। जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए 600 रुपया हो गया है
शुल्क बढ़ा लेकिन सुविधा नदारद
विश्व धरोहर नालंदा खंडहर का तो प्रवेश शुल्क बढ़ा है। लेकिन, पर्यटकों के लिए सुविधा नदारद है। परिसर के बाहर एक शौचालय तक नहीं है। विश्व धरोहर में शामिल होने के बाद पर्यटकों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। लेकिन, पर्यटक चाहकर भी यहां रुक नहीं सकते हैं। पर्यटक फुटपाथ पर खाने को विवश हैं। 15 रुपए के बोतल बंद पानी 25 रुपये में खरीदकर पीते हैं। बाहर में शौचालय नहीं रहने के बारण महिला पर्यटक तक को खुले में मूत्र करना पड़ता है । शौच के लिए उन्हें प्रवेश टिकट खरीदने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। बाहर में लगे प्याऊ पर दुकानदारों का कब्जा है। साथ ही मेन गेट पर ही गंदगी का अंबार भी लगा रहता है।