राजगीर के कुंडों के दिन बहुरेंगे. जमींदोज हो चुके कुंडों को पुनर्जीवित किया जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अस्तित्वहीन हो चुके कुंडों को पुनर्जीवित करने का आदेश दिया है । उन्होंने लघु सिंचाई विभाग,ग्रामीण विकास विभाग, पर्यटन विभाग और पंचायती राज विभाग के सचिव के साथ नालंदा के डीएम को पुनर्जीवित करने आदेश दिया है ।
क्या है पूरा मामला
राजगीर गर्म कुंडों को लेकर विश्व भर में मशहूर है । यहां 22 कुंड और 52 घाराओं से गर्म पानी निकलता है। लेकिन गोदावरी और दुखहरणी कुंड का अस्तित्व खत्म हो चुका है । दोनों कुंड जमींदोज हो चुके हैं। साथ ही अनंत कुंड में जल प्रवाह दशकों से बंद हैं.
गोदावरी कुंड के बारे में जानिए
दरअसल,गैर सरकारी संस्था प्रकृति ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ज्ञापन सौंपकर कुंड को पुनर्जीवित करने की मांग की थी। ज्ञापन के मुताबिक जल देवी मंदिर के पास गोदावरी और सरस्वती नदी के संगम पर गोदावरी कुंड बना था. लेकिन नदी की उड़ाही के दौरान इसका अस्तित्व समाप्त हो गया .
दुखहरणी कुंड कहां है
दुखहरणी कुंड वैतरणी और शालीग्राम कुंड के बीच श्मशान के पास था इस कुंड के पास एक मंदिर भी था. जहां स्नान के बाद पूजा अर्चना की जाती थी. अब यहां न कुंड है और न ही मंदिर है.
अब 20 ही कुंड बचे हैं
राजगीर में कुल कुंडों की संख्या 22 है लेकिन दुखहरणी और गोदावरी कुंड जमींदोज हो गए हैं । ऐसे में कुंडों की संख्या घटकर अब 20 ही रह गई है । अब माना जा रहा है कि प्रकृति के प्रयास से जमींदोज दोनों कुंडों को पुनर्जीवित किया जा सकता है । साथ ही शालीग्राम कुंड की सीढ़ियों की भी मरम्मति होगी.
कब लगेगा मलमास मेला
आपको बता दें कि अगले साल यानि 2020 में मलमास मेला लगेगा. इस बार मलमास मेला 18 सितंबर 2020 से लेकर 17 अक्टूबर 2020 तक चलेगा। यहां पर बता दें कि मलमास मेला में लाखों की संख्या में श्रद्धालु राजगीर आते हैं. जहां वे गर्म कुंड में स्नान करते हैं. मान्यता है कि मलमास मेला के दौरान सभी 33 कोटि देवी देवता राजगीर में पधारते हैं. और इस दौरान कुंड में डुबकी लगाने से सभी पापों और कष्ट से मुक्ति मिलती है ।