लालू यादव की नई टीम का ऐलान, जानिए.. RJD में किसे कौन सा पद मिला

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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू यादव की पार्टी आरजेडी ने अपनी नई टीम का एलान कर दिया है । जिसके मुताबिक लालू प्रसाद यादव पार्टी के सुप्रीमो बने रहेंगे. जबकि पूर्व सीएम राबड़ी देवी (Rabri Devi),रघुवंश प्रसाद सिंह और शिवानंद तिवारी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है, तो वहीं तेजप्रताप-तेजस्वी-मीसा भारती को राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया है।

लालू की नई टीम में किसे क्या बनाया गया
अध्यक्ष : लालू प्रसाद
प्रधान महासचिव : मो. कमर आलम
उपाध्यक्ष : रघुवंश प्रसाद सिंह, राबड़ी देवी, शिवानंद तिवारी
कोषाध्यक्ष : अशफाक करीम
महासचिव : जयप्रकाश नारायण यादव, कांति सिंह, विद्या सागर निषाद, ललित यादव, भोला यादव, रणविजय सिंह, सर्वजीत पासवान।
सचिव : कुमकुम राय, नसीम खान, रवींद्र सिंह, संजय कुमार, अजय आनंदा, विजय सुरेश कंडारे।

कार्यकारिणी सदस्य कौन कौन
तेजस्वी यादव, अब्दुल बारी सिद्दीकी, तेज प्रताप यादव, प्रेमचंद गुप्ता, मीसा भारती, मनोज झा, रामचंद्र पूर्वे, शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल, हीना शहाब, उदय नारायण चौधरी, रमई राम, अलोक मेहता, समता देवी, राजनीति प्रसाद, मुनेश्वर चौधरी, रामविचार राय, दीनानाथ यादव, सुरेश पासवान, तनवीर हसन, अनीता देवी, मो. नेमतुल्ला, विजय प्रकाश, सूबेदार सिंह, सुरेंद्र प्रसाद यादव, नवाज आलम, शिवचंद्र राम, संजय यादव, श्रीनारायण यादव, अख्तरुल इस्लाम शाहीन, आनंद नायडू, सरफराज आलम, सरदार हरजिंदर सिंह, फैयाज अहमद, समीर महासेठ, चंद्रशेखर, रेयाजुल हक राजू, जया, राजेंद्र राम, स्वीटी सीमा हेम्ब्रम, एसएम रशीद, मेहरबान खान, सरदार सजवीर सिंह, रेयाज अहमद, अरविंद सहनी, अबू दोजाना।

समधी से बनाई दूरी
लालू प्रसाद यादव ने अपने समधी और ऐश्वर्या राय के पिता चंद्रिका राय से दूरी बना ली है . पार्टी पदाधिकारियों और सदस्यों की लंबी सूची में उन्हें जगह नहीं मिल सकी है। पिछली बार कार्यकारिणी सदस्य के रूप में वो लालू की टीम में शामिल थे। आपको बता दें कि तेजप्रताप और ऐश्वर्या के रिश्ते में तनाव चल रहा है है । तेज प्रताप ने ऐश्वर्या से तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी दे रखी है

शरद को भी सहारा नहीं
लालू प्रसाद ने वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव से भी वास्ता नहीं रखा है। उनके खास नेता अर्जुन राय को भी जगह नहीं दी गई है। शरद और अर्जुन दोनों राजद के टिकट पर पिछला लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि शरद यादव की वरिष्ठता का तर्क दिया जा सकता है, लेकिन अर्जुन राय पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री भी हैं। उन्होंने राजद की सदस्यता भी ले रखी है। फिर भी उन्हें कमेटी से दूर रखा गया।

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