बिहारशरीफ के कुख्यात बौआ गैंग का खेल खत्म, सलाखों के पीछे पहुंचा सरगना

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बौआ गैंग बिहारशरीफ में आतंक का पर्याय बनता जा रहा था। लेकिन पुलिस की सख्ती के सामने बौआ गैंग के सरगना को आखिरकार सरेंडर करना पड़ा। बौआ गैंग के बदमाशों ने शहर में कई वारदातों को अंजाम दिया था। अब खुद उसका सरगना सलाखों के पीछे है।

बौआ ने कोर्ट में किया सरेंडर
अभय कुमार उर्फ बौआ यादव ने सोमवार को बिहारशरीफ कोर्ट में सरेंडर कर दिया। पुलिस को बौआ यादव की काफी दिनों से तलाश थी क्योंकि बौआ गैंग आम लोगों के लिए ही नहीं पुलिस के लिए भी सिरदर्द बन चुका था।

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डेढ़ दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज
अभय कुमार उर्फ बौआ यादव पर अलग-अलग थानों में डेढ़ दर्जन से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं । उस पर शराब और हथियार तस्करी के अलावे जमीन कब्जा,मारपीट,गोलीबारी जैसे कई संगीन आरोप हैं। अभय कुमार उर्फ बौआ यादव की हैवानियत का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि दो महीने पहले ही वो बिहारशरीफ में दो युवकों को अगवा कर पहले बेरहमी से पिटाई की और बाद में उसके पैर में कील ठोंक दिया था। जिसे लेकर शहर की कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे थे।

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बढ़ता गया कारवां
लोगों की मानें तो बौआ यादव पहले छोटी मोटी वारदात को अंजाम देता था। जैसे मारपीट,किसी को धमकाना,छिन्नैती करना। लेकिन धीरे धीरे उसका कारवां बढ़ता गया और बौआ यादव ने एक गैंग तैयार कर लिया। जिसे शहर में बौआ गैंग के नाम से जाने जाना लगा।

एक कॉल पर मर मिटने को तैयार हैं उसके गुर्ग
सूत्रों का कहना है कि बौआ यादव का मेन धंधा वसूली और फिरौती का है । जिसमें से अधिकतर पैसे वो अपने गैंग के सदस्यों की मौज मस्ती पर खर्च कर देता है। जिसकी वजह से उसके गुर्गे एक फोन कॉल पर किसी भी वारदात को अंजाम देने के लिए तैयार रहते हैं ।

थाने के पास रहता है लेकिन पुलिस को खबर नहीं
लोगों की मानें तो अभय कुमार उर्फ बौआ यादव लहेरी थाना के पास ही सोहन कुआं में रहता है । लेकिन पुलिस को इसकी खबर नहीं । या यूं कहें पुलिस जान बुझकर भी अंजान बनी रही।

क्यों किया सरेंडर
लोकसभा चुनाव को देखते हुए नालंदा के डीएम योगेंद्र सिंह और एसपी निलेश कुमार अपराधियों पर लगाम कसने को लेकर सख्त हैं। दोनों ने पुलिसवालों की लगाम टाइट कर रखी है । जिसके बाद पुलिस कार्रवाई के डर से बौआ यादव का राइट हैंड मनीष यादव ने पहले कोर्ट में सरेंडर कर दिया था और अब बौआ यादव ने सरेंडर कर दिया है ।

युवक के पैर में कील ठोंका था
21 फरवरी को बौआ यादव और उसके सहयोगी मनीष यादव ने बाजार समिति से लौट रहे मोनू कुमार और सन्नी कुमार को नाला रोड के पास घेर लिया। फिर दोनों को खींचकर गौरक्षिणी के पीछे ले गए थे। इसके बाद रॉड और पिस्टल की बट से मारपीट कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था। फिर पैर में कील ठोंक दी थी। जानकारी के अनुसार 26 जनवरी को जमीन कब्जा करने को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ था। सूत्रों की मानें तो मोनू कुमार पर भी कई मामले थाना में दर्ज है।

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