स्मार्टसिटी बिहारशरीफ में कोफर तकनीक से बिहार राज्य की पहली बिल्डिंग बिहारशरीफ में तैयार हुई है । ये बिल्डिंग बिहारशरीफ के वार्ड नंबर 23 में तैयार की गई है । इसे केंद्र सरकार की एजेंसी बीएमपीटीसी ने तैयार किया है। नालंदा के डीएम डॉक्टर त्यागराजन, बिहारशरीफ के नगर आयुक्त सौरभ जोरवाल समेत कई अधिकारियों ने इसका निरीक्षण किया।
क्या है खासियत
बिहारशरीफ के वार्ड नंबर 23 में ये बहुद्देश्यीय मॉडल पर इस भवन का निर्माण किया गया है।इस बिल्डिंग की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इस बिल्डिंग में कहीं भी ईंट का इस्तेमाल नहीं हुआ है । पूरे बिल्डिंग को स्टील के फ्रेमवर्क से तैयार किया गया। फिर उसमें कंक्रीट भरकर बनाया गया है। ये भवन 1200 वर्ग मीटर जमीन पर बना है। इस बिल्डिंग में कुल 36 फ्लैट बनाए गए हैं और ये पूरी तरह से भूकंपरोधी है।
किसके लिए बनाए गए हैं फ्लैट
बिहारशरीफ में बने इस बहुदेशीय भवन में 36 फ्लैट बनाए गए हैं । हर फ्लैट में दो कमरे, किचेन और बाथरुम बनाया गया है । यानि 36 परिवार इस बिल्डिंग में रह सकते हैं। इस भवन के निर्माण पर 3 करोड़ 34 लाख रुपए खर्च किए गए हैं । यानि तकरीबन हर फ्लैट पर 10 लाख रुपए खर्च हुए हैं । इस भवन का इस्तेमाल वृद्धा आश्रम, अनाथालय, अन्य कल्याणकारी कार्यों, प्रशिक्षण केन्द्र और स्पोटर्स हॉस्टल में किया जाएगा।
2015 में मुहैया कराई गई थी जमीन
बिहारशरीफ के मंगलास्थान रोड के पास 12 सौ वर्ग मीटर में फैले इस बहुद्देशीय भवन के लिए जमीन साल 2015 में उपलब्ध कराई गई थी। ये जमीन बिहारशरीफ के तत्कालीन नगर आयुक्त और जिले के मौजूदा डीएम डॉक्टर त्यागरान ने उपलब्ध कराई थी। तीन साल बाद 1200 स्कावर मीटर में अब भवन तैयार है।
क्या होता है कोफर तकनीक
भवन निर्माण का ये लैटेस्ट तकनीक है। इसमें कम जगह में अधिक संरचना का निर्माण किया जाता है। साथ ही बिल्डिंग बनाने में कही भी ईंट का प्रयोग नहीं किया जाता है । बल्कि स्टील फ्रेमिंग के जरिए बिल्डिंग को तैयार किया जाता है। एक स्कावयर मीटर कंक्रीट का वजन 11 किलोग्राम से भी कम होता है, जिस कारण उसे आसानी से कहीं भी उठाया और लाया जा सकता है। इसकी लागत परम्परागत निर्माण से आधी से भी कम आती है और टिकाऊपन दोगुना ज्यादा होता है।
15 जनवरी तक हो जाएगा तैयार
अभी बहुद्देशीय भवन में फिनिशिंग का काम जारी है । बताया जा रहा है कि 15 जनवरी तक ये सजधज कर तैयार हो जाएगा। गुरुवार को डीएम के साथ इस भवन का निरीक्षण करने नगर आयुक्त सौरभ जोरवाल, अपर सचिव नगर विकास एवं आवास विभाग विनोदानंद झा तथा बीएमपीटीसी के अभियंता पहुंचे थे।