नालंदा की एक और उपलब्धि, चंडी इंजीनियरिंग कॉलेज का बजा डंका

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नालंदा शिक्षा का गढ़ रहा है ये एक बार फिर साबित हुआ है। चंडी का नालंदा  इंजीनियरिंग कॉलेज ने एक और उपलब्धि हासिल की है। स्थापना के 10 साल के भीतर ही चंडी का नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज टॉप कॉलेजों की लिस्ट में शुमार हो गया है ।

चौथे स्थान पर चंडी इंजीनियर कॉलेज

कॉलेजों की रैंकिंग के लिए कॉलेज का इन्फ्रास्ट्रकचर, पढ़ाई, छात्रों की संख्या, कोर्सेस की संख्या के साथ-साथ दूसरी सुविधाओं का भी ख्याल रखा जाता है । इस लिहाज से चंडी का नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज बिहार का चौथा सबसे बेहतर इंजीनियरिंग कॉलेज है। यानि चंडी इंजीनियरिंग कॉलेज से बेहतर बिहार में अभी तीन कॉलेज ही हैं। जिसमें पहले स्थान पर आईआईटी पटना, दूसरे स्थान पर एनआईटी पटना और तीसरे स्थान पर एमआईटी मुजफ्फपुर है।

‘टॉप करने का भी है दम’

नालंदा अभियंत्रण महाविद्यालय, चंडी को चौथा स्थान मिलने से शिक्षक और छात्र काफी खुश हैं। साथ ही उनका कहना है कि अगर शिक्षकों की कमी को पूरा कर दिया जाय तो चंडी का नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज को सूबे में पहला स्थान भी हासिल हो सकता है। चंडी इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर के 64 पद हैं। लेकिन फिलहाल 45 शिक्षक तैनात हैं। इसी तरह नन टिचिंग स्टाफ के 75 सीटों पर मात्र 15 कर्मी काम चला रहे हैं।

10 साल में हासिल की उपलब्धि

नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज चंडी का उद्घाटन 19 नबंवर 2008 को हुआ था। तब इसे मगध महाविद्यालय के 4 कमरों में चलाया जा रहा था। 20 अगस्त 2015 को कॉलेज नये भवन में स्थानांतरित हुआ। कुल 51.64 एकड़ में कॉलेज परिसर है। पहले फेज में करीब 42 करोड़ की लागत से पांच भवन बनाये गये थे। इनमें एकेडमिक ब्लॉक, लैब, छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग हॉस्टल, वर्कशॉप और प्राचार्य आवास शामिल है। दूसरे फेज के लिए करीब 35 करोड़ रुपये दिये गये हैं। जिसमें एमनेस्टी ब्लॉक, प्रोफेसर्स क्वार्टर, गर्ल्स एंड ब्यॉयज हॉस्टल, हेल्थ यूनिट,एग्जामिनेशन हॉल,ऑडिटोरियम, रेडियो सब-स्टेशन, स्टडी ब्लॉक, सपोर्टिंग स्टॉफ क्वार्टर और प्लेग्राउंड बनाए जा रहे हैं

किन-किन विषयों की पढ़ाई

चंडी इंजीनियरिंग कॉलेज में हर साल 252 नए छात्रों को दाखिला मिलता है। फिलहाल यहां कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, ट्रिपल ई यानि इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्टॉनिक्स इंजीनियरिंग और सिविल इंजीनियरिंग के साथ चार विषयों की पढ़ाई हो रही है। सभी में 60+3 छात्रों का नामांकन होता है। तीन सीट बाद में दाखिला लेने वाले या कोटा से आये छात्रों के लिए आरक्षित है।

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