यूपीएससी की परीक्षा में 128वीं रैंक हासिल कर नित्यानंद झा ने मिथिलांचल का मान बढ़ाया है। मधुबनी जिले के अरेड़ विशनपुर गांव के रहने वाले दयाशंकर झा और शकुंतला झा के बेटे नित्यानंद झा ने चौथे प्रयास में ये सफलता हासिल की है।
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पुजारी का बेटा बना IPS
नित्यानंद के पिता गुवाहाटी में पुजारी और माता गृहिणी हैं। नित्यानंद झा ने गुवाहाटी से 10वीं तक की शिक्षा ली। इसके बाद कोटा से 12वीं की पढ़ाई की। साल 2010 में आइआइटी कानपुर में चयन हुआ। 2014 में वे बीटेक की डिग्री लेने के बाद दिल्ली आ गए। वहां यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। उन्होंने अपना विषय समाजशास्त्र रखा।
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हिम्मत न हारना ही सबसे बड़ी जीत है
नित्यानंद का कहना है कि इससे पहले इंटरव्यू देने के बावजूद चयन नहीं हो सका था। यूपीएससी की परीक्षा में प्रतिस्पर्धा का स्तर काफी अधिक है। इसमें किसी भी स्टेज पर असफलता हासिल हो सकती है। तैयारी करनेवाले छात्रों को धैर्य रखना सबसे अहम होता है।
बचपन से ही था सिविल सेवा में जाने की इच्छा
नित्यानंद झा का कहना है कि सिविल सेवा के प्रति रुझान बचपन से था, लेकिन बीटेक के दौरान सीनियर्स को तैयारी करते देख आत्मविश्वास बढ़ा। चौथे साल में मन बना लिया कि यूपीएससी की परीक्षा पास करनी है। बीटेक की डिग्री मिलते ही कैंपस सेलेक्शन में भाग न लेकर दिल्ली चल दिया।