हिलसा कोर्ट के मुंशी की दिनदहाड़े हत्या

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नालंदा जिला में अपराध की वारदात दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। हथियारों से लैस अपराधियों ने हिलसा कोर्ट में काम करने वाले अधिवक्ता लिपिक को गोलियों से भून दिया।

अपने गांव से कोर्ट आ रहे थे योगेंद्र यादव
हिलसा कोर्ट में काम करने वाले अधिवक्ता लिपिक योगेन्द्र यादव हर रोज की तरह शुक्रवार की सुबह अपने गांव गुलनी से यात्री वाहन से हिलसा आए। हिलसा में बस स्टैंड में उतरने के बाद पटेलनगर मोहल्ले से गली होते हुए कोर्ट की ओर जा रहे थे। इसी दौरान घात लगाए अपराधियों ने घेरकर सिर में गोली मार दी। गोली लगते ही वे जमीन पर गिर पड़े। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

पारिवारिक विवाद में हत्या
अधिवक्ता लिपिक योगेन्द्र यादव की हत्या पारिवारिक विवाद में की गयी। ऐसा दावा हिलसा के डीएसपी मो. मुत्तफिक अहमद ने किया। उनके मुताबिक अधिवक्ता लिपिक योगेन्द्र यादव की बेटी की शादी करीब 10 साल पहले हुई थी। करीब पांच साल पहले बेटी और उसके पति के बीच खटास पैदा होने पर केस किया गया था। फैसला अधिवक्ता लिपिक की पुत्री के पक्ष में आया था। इसके आधार पर पति को अपने वेतन की आधी रकम अधिवक्ता लिपिक की पुत्री को देनी थी। कोर्ट के आदेश को लागू करवाने के लिए अधिवक्ता लिपिक प्रयासरत थे, इसके कारण हत्या हुई।

चार अपराधियों ने वारदात को अंजाम दिया
अधिवक्ता लिपिक योगेन्द्र यादव की हत्या करने में चार अपराधी शामिल थे। ऐसा दावा जगह-जगह सीसीटीवी फुटेज को देखने के बाद पुलिस द्वारा किया जा रहा है। एक बाइक पर एक अपराधी तो दूसरी बाइक पर तीन अपराधी थे। अकेले बाइक पर सवार अपराधी अधिवक्ता लिपिक की रेकी के साथ पहचान कराने के लिए गली में आगे-आगे चल रहा था। जैसे ही अधिवक्ता लिपिक की पहचान हुई वैसे ही पीछे से दूसरी बाइक पर सवार होकर आ रहे तीन युवकों ने तड़ातड़ गोलीबारी कर आराम से सूर्यमंदिर तालाब होते हुए निकल भागे।

अधिवक्ता लिपिक संघ ने जताया दु:ख:
अपने साथी योगेन्द्र यादव की हत्या पर अधिवक्ता लिपिक संघ के सदस्यों ने दु:ख व्यक्त किया। संघ भवन में आयोजित शोक सभा में संघ के सदस्यों ने घटना की निंदा करते हुए अपराधियों को पकड़ने की मांग पुलिस-प्रशासन से किया। इसके बाद दो मिनट का मौन रखकर मृतात्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। साथ ही न्यायिक कार्य से खुद को अलग रखा। इस मौके पर संघ के सचिव विनोद कुमार, रामचंद्र रविदास, धर्मेन्द्र कुमार, नवीन कुमार, अर्जुन कुमार दिलेर, शैलेन्द्र प्रसाद, प्रसादी यादव, अखिलेश यादव, अवधेश यादव आदि मौजूद थे।

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