नाबालिग से रेप के दोषी नवादा के आरजेडी विधायक राजबल्लभ यादव को एक और बड़ा झटका लगा है। राजबल्लभ यादव को पहले कोर्ट ने रेपकांड में दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। अब विधानसभा सचिवालय ने कार्रवाई की है।
राजबल्लभ यादव की विधायकी खत्म
राजबल्लभ यादव अब विधायक नहीं रहे। आजीवन कारावास की सजा के बाद उनकी विधायकी छीन गई है । बिहार विधानसभा सचिवालय ने सजा की तारीख से ही सदस्यता समाप्त कर दी है । आपको बता दें कि इस मामले में पटना एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने 15 दिसम्बर को ही विधायक राजबल्लभ यादव को दोषी करार दिया था। लेकिन सजा का एलान 21 दिसंबर को हुआ था। कोर्ट ने 21 दिसंबर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी । ऐसे में विधानसभा सचिवालय ने राजवल्लभ यादव की विधानसभा सदस्यता 15 दिसम्बर की तारीख से ही खत्म कर दी है।यानी आज की तारीख में वे विधायक नहीं रह गए हैं ।
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जनप्रतिनिधियों के लिए क्या है नियम
सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के मुताबिक अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा होती है तो ऐसे में उनकी सदस्यता संसद और विधानसभा से रद्द हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों पर लागू है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 (4) निरस्त कर दिया है।
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इलियास हुसैन के बाद सदस्यता गंवाने वाले दूसरे आरजेडी विधायक
अलकतरा घोटाले में सजायाफ्ता आरजेडी विधायक इलियास हुसैन की भी कुछ दिन पहले ही सदस्यता समाप्त हुई है।इलियास हुसैन फिलहाल जेल में बंद हैं।डिहरी से विधायक रहे इलियास हुसैन को 27 सितम्बर 2018 को रांची सीबीआई की विशेष अदालत ने चार साल की सजा सुनाई थी। बिहार विधानसभा ने दोषी साबित होने की तारीख यानि 27 सितम्बर के प्रभाव उनकी सदस्यता समाप्त की है।शुक्रवार को राजबल्लभ यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।लिहाजा अब उनकी भी सदस्यता चली गई है।
कब होंगे नवादा और डिहरी में चुनाव
बिहार विधानसभा में आरजेडी की ताकत कम हो गई। दो विधायकों के विधायकी चले जाने के बाद आरजेडी विधायकों की संख्या अब 79 रह गई है। बिहार विधानसभा के लिए डेहरी और नवादा सीट खाली हो गई है ।ऐसे में दोनों सीटों पर ही उपचुनाव होंगे। अब देखना ये है कि यहां चुनाव अभी होते हैं या लोकसभा चुनाव के दौरान ही होंगे। हालांकि ये तय करना निर्वाचन आयोग का काम है