आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है। राजधानी पटना के सगुना रोड के पास बन रहे लालू परिवार के मॉल को ईडी ने सील कर दिया है । 750 करोड़ की लागत से 115 कट्ठा( यानि 6 बिगहा) जमीन में लालू यादव के छोटे बेटे और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का बन रहा ये मॉल बिहार का यह सबसे बड़ा मॉल है।
पटना के बेली रोड स्थित ये जमीन पूर्व सीएम राबड़ी देवी, उनके बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव और छोटे पुत्र तेजस्वी यादव के नाम पर है. इस जमीन का सर्किल रेट 44.7 करोड़ रुपये है, लेकिन इसे लालू यादव की कंपनी लारा प्रोजेक्ट ने वर्ष 2005-06 में महज 65 लाख रुपये में खरीदी थी। मॉल की जमीन के बारे में खुलासा सबसे पहले बीजेपी के सीनियर लीडर और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने किया था. तब उन्होंने इस जमीन पर मॉल बनने का काम शुरू होते ही इसकी मिट्टी 90 लाख रुपये में बिहार सरकार के पर्यावरण और वन विभाग को बेचने का आरोप लगाया था. इस मामले में ईडी तेजस्वी और राबड़ी से पूछताछ कर चुकी है
लालू के परिवार तक कैसे पहुंची जमीन?
सीबीआई ने कहा था कि 2014 में लालू के बेटे तेजप्रताप, तेजस्वी, बेटी चंदा और रागिनी को डिलाइट मार्केटिंग में डायरेक्टर बनाया गया। नवंबर, 2016 को कंपनी का नाम बदलकर लारा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कर दिया गया। ला मतलब लालू, रा यानी राबड़ी।
प्रोजेक्ट का नाम बदलते ही जमीन पर लालू के परिवार का मालिकाना हक हो गया। 14 फरवरी, 2017 से राबड़ी देवी, तेज प्रताप और तेजस्वी को इसका डायरेक्टर बनाया गया था।
घोटाले के खुलासे पर शुरू हुई थी जांच
जुलाई, 2017 में सीबीआई ने लालू के आवास पर छापा मारा। जांच एजेंसी ने पूर्व रेलमंत्री लालू यादव, राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी, मेसर्स लारा प्रोजेक्ट्स, विजय कोचर, विनय कोचरऔर आईआरसीटीसी के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर के खिलाफ केस दर्ज किया था।
इसके बाद 27 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर लालू परिवार की बेनामी संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी।