ये हेडमास्टर तो 33 साल से ‘घोटाला’ कर रहा था

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राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित नालंदा जिला का एक हेडमास्टर ने सिस्टम को बंधक बनाकर करोड़ों रूपए की कमाई की। बिहारशरीफ में आरोपी हेडमास्टर की गिनती शहर के गिने चुने लोगों में होती थी। यही वजह है कि 33 साल से वो अवैध वसूली कर रहा था और जिला प्रशासन की आंखें बंद थी । शिकायत करने के बावजूद उसके खिलाफ जांच की हिम्मत तक नहीं जुटाई गई। लेकिन जब इसकी शिकायत प्रधानसचिव से की गई तो जांच हुई और अब उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया है। इसका खुलासा जांच रिपोर्ट आने के बाद हुई

क्या है पूरा मामला
बिहारशरीफ के भैंसासुर में एक मशहूर सरकारी स्कूल है। उसका नाम आवासीय मॉडल मिडिल स्कूल है। इसी मिडिल स्कूल में 33 साल से प्राइवेट छात्रावास चलाने का मामला सामने आया है। ये हॉस्टल साल 1985 से ही पूर्व हेडमास्टर महावीर प्रसाद अवैध रूप से चला रहे हैं। साल 2016 में इस स्कूल में सुनीता सिन्हा नई प्रधानाध्यापिका बनकर आई। उन्होंने इसकी शिकायत शिक्षाविभाग को किया लेकिन महावीर प्रसाद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। लेकिन सुनीता सिन्हा सिस्टम में मची इस लूट के खिलाफ हार नहीं मानीं। जब जिला शिक्षा विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं हुई तो एचएम सुनीता सिन्हा ने इसकी शिकायत शिक्षा मंत्री, प्रधान सचिव से की । जिसके बाद इसकी जांच के आदेश दे दिए गए। एडीएम ने अब अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। जिसमें खुलासा हुआ है कि इस स्कूल में 1985 से ही प्राइवेट हॉस्टल चल रहा है । इतना ही नहीं मॉडल मिडिल स्कूल में पढ़ाई आठवीं क्लास तक की होती है लेकिन हॉस्टल में 10वीं और 12वीं क्लास तक के बच्चों को रखा जा रहा है।

प्राइवेट हॉस्टल के बच्चों को सरकारी खाना
जांच रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ है कि हॉस्टल में रहने वाले छात्र दिन में स्कूल में पढ़ते थे और सरकारी खाना यानि मिड डे मिल खाते हैं। छात्रावास में 85 छात्र रहकर पढ़ाई कर रहे हैं और उनसे प्रति छात्रों से 1500 रुपए लिए जाते हैं।

33 सालों से हो रहा था घोटाला
जांच रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि इस आवासीय विद्यालय के 05 कमरों पर पूर्व हेडमास्टर महावीर प्रसाद ने कब्जा कर रखा है। जिसमें करीब 33 सालों से प्राइवेट हॉस्टल चलाया जा रहा है। इस हॉस्टल में रहने वाले अधिकतर छात्र दूसरे स्कूल में पढ़ाई करते हैं ।

केस दर्ज करने का आदेश
जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद जिलाधिकारी डॉक्टर त्यागराजन ने आरोपी पूर्व हेडमास्टर महावीर प्रसाद के खिलाफ केस दर्ज करने और कार्रवाई करने का आदेश दिया है । साथ ही स्कूल में चल रहे छात्रावास को भी बंद करने का आदेश दिया गया है । कहा जा रहा है कि इस हॉस्टल के जरिए महावीर प्रसाद ने करोड़ों की कमाई की है

लेकिन यहां नालंदा लाइव के कुछ सवाल भी हैं
पहला सवाल- 33 साल तक शिक्षा विभाग क्यों आंखें बंद कर रखा था ?
दूसरा सवाल- क्या जिला शिक्षा विभाग की भी मिलीभगत थी ?
तीसरा सवाल- नए एचएम सुनीता सिन्हा की शिकायत पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई ?
चौथा सवाल- अगर सुनीता सिन्हा इसकी शिकायत प्रधानसचिव और शिक्षा मंत्री से नहीं करतीं तो ये गोरखधंधा आगे भी चलता रहता ?

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