
बिहार में जैसे जैसे तापमान बढ़ता जा रहा है । वैसे वैसे चुनावी पारा भी चढ़ता जा रहा है। जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (Prashant Kishor)को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो टूक कहा है। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि अगर प्रशांत किशोर को कोई दिक्कत है तो वो समझें. सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर पार्टी का हिस्सा हैं वो पार्टी के उपाध्यक्ष हैं. चुनाव में प्रशांत किशोर पार्टी के स्टार प्रचारक हैं. पार्टी में अपनी भूमिका को लेकर अगर उन्हें कोई भ्रम है तो यह उनकी दिक्कत है.
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सीएम नीतीश ने माना मतभेद की बात
एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रशांत और हमारे बीच में अच्छे रिश्ते हैं. वो हमेशा मेरा सम्मान करते हैं. मैं उनपर बहुत अधिक भरोसा करता हूं. लेकिन कुछ मुद्दों पर हम आमने-सामने होते हैं.
#Network18Exclusive | जनता दल यूनाइटेड में प्रशांत किशोर का रुतबा अभी क्या है। जानिए नेटवर्क 18 ग्रुप के एडिटर इन चीफ राहुल जोशी के साथ खास बातचीत में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस सवाल को लेकर क्या कहा @NitishKumar| Rahul Joshi | @PrashantKishor
Posted by CNBC Awaaz on Monday, April 1, 2019
दरअसल,सीएम नीतीश कुमार का ये बयान प्रशांत किशोर के उस ट्वीट के बाद आया है जिसमें प्रशांत किशोर ने कहा था कि पार्टी में उनकी भूमिका सीखने और सहयोग की है.
बिहार में NDA माननीय मोदी जी एवं नीतीश जी के नेतृत्व में मजबूती से चुनाव लड़ रहा है।
JDU की ओर से चुनाव-प्रचार एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी पार्टी के वरीय एवं अनुभवी नेता श्री RCP सिंह जी के मजबूत कंधों पर है।
मेरे राजनीति के इस शुरुआती दौर में मेरी भूमिका सीखने और सहयोग की है।
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) March 29, 2019
प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा था, “बिहार में NDA माननीय मोदी जी एवं नीतीश जी के नेतृत्व में मजबूती से चुनाव लड़ रहा है. JDU की ओर से चुनाव-प्रचार एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी पार्टी के वरिष्ठ और अनुभवी नेता श्री RCP सिंह जी के मजबूत कंधों पर है. राजनीति के इस शुरुआती दौर में मेरी भूमिका सीखने और सहयोग की है.”
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आपको बता दें कि प्रशांत किशोर ने महागठबंधन तोड़कर एनडीए में जाने के नीतीश कुमार के फैसले पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि अगर ऐसा करना ही था तो नीतीश कुमार को फ्रेश मैंडेट लेकर जाना चाहिए था. इसके बाद जेडीयू में प्रशांत किशोर का विरोध किया जाने लगा था. यही नहीं इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुप्पी साध रखी थी.