बिहार को भारत सरकार ने 12 युवा और तेजतर्रार अफसर सौंपे हैं । उसमें से एक IAS अफसर सुमित कुमार भी हैं। बिहार सरकार ने सुमित कुमार को नालंदा का ADM यानि सहायक समाहर्ता एवं सहायक दंडाधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया है।
जमुई के रहने वाले हैं सुमित
बिहार कैडर के 2019 बैच के IAS अफसर सुमित कुमार जमुई जिले के सिकंदरा के रहने वाले हैं.. सुमित के पिता का नाम सुशील कुमार वर्णवाल और माता जी का नाम मीना देवी है। उनके पिता जी सिकंदरा में ही दुकान देते हैं . वे दूसरी बार सिविल सेवा की परीक्षा में चयनित हुए थे।
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नालंदा एडीएम की जिम्मेदारी
सुमित कुमार सिविल सेवा परीक्षा में 53वां रैंक हासिल किया था। जिसके बाद उन्हें ट्रेनिंग के लिए मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी दी गई. ट्रेनिंग खत्म होने के बाद उन्हें उनके होम कैडर यानि बिहार भेज दिया गया। सुमित कुमार की ट्रेनिंग के तौर पर पहली पोस्टिंग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में हुई है । उन्हें नालंदा में एडीएम के पद पर नियुक्त किया गया है।
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इंटरव्यू में क्या सवाल पूछे गए थे
सुमित कुमार से इंटरव्यू के दौरान उनके जिले से जुड़ा सवाल पूछा गया था। उनसे पूछा गया था कि जमुई संसाधनों से समृद्ध इलाका है, लेकिन वहां इंडस्ट्री स्थापित नहीं पा रही है। कारण बताओ।
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सुमित ने क्या उत्तर दिया था
सुमित ने बताया कि ‘ यहां ट्रांसपोर्टेशन नहीं है। कोई पोर्ट आसपास नहीं है। यहां के लोग कच्चा माल बेचकर पैसे कमाते हैं लेकिन तैयार माल नहीं बनाते हैं। इसके अलावा नक्सलवाद भी एक समस्या है। जब तक कानून व्यवस्था ठीक नहीं होगी तब तक इंडस्ट्री फल फूल नहीं सकती।
एक और इंटरेस्टिंग सवाल पूछा गया
सुमित कुमार से IAS के इंटरव्यू में पूछा गया था कि इनकम जेनरेटिंग स्कीम और सामाजिक सुरक्षा स्कीम में क्या अंतर है । जिसके जवाब में सुमित कुमार ने कहा था कि इनकम जेनरेटिंग स्कीम में व्यक्ति को स्किल देखकर कमाने और पेट भरने के काबिल बनाया जाता है। जबकि सामाजिक सुरक्षा स्कीम में व्यक्ति को सामाजिक रूप से सुरक्षा दे रहे हो। उनकी हेल्थ व पेंशन इसी में आती है। जब इसका एक एक उदाहरण उनसे पूछा गया तो. उन्होंने बताया कि मनरेगा स्कीम इनकम जेनरेटिंग स्कीम का उदाहरण है। जबकि सामाजिक सुरक्षा स्कीम का उदाहरण नेशनल ओल्ड एज पेंशन स्कीम, आयुष्मान भारत है। साथ ही महिला सशक्तिकरण को लेकर भी सवाल पूछे गए थे